हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखने का संकल्प लेती हैं. कुंवारी लड़कियां मनचाहा या योग्य वर पाने के लिए भी यह उपवास रखती हैं.

आज सुहागन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखेंगी. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. आइए आपको हरतालिका तीज की पूजन विधि, महुर्त और उपाय बताते हैं.

क्या है हरितालिका व्रत की विधि?

प्रातः काल में व्रत का संकल्प लेकर निर्जल उपवास रखें. यदि स्वास्थ्य ठीक नहीं है तो आप फलाहार भी व्रत रख सकते हैं. भगवान शिव और माता पार्वती के सामने घी का दीपक जलाएं. उन्हें फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करें. शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और उनके महामंत्रों का जाप करें.

इसके बाद शाम के समय भगवान शिव और पार्वती की संयुक्त उपासना करें. उस समय सुहागनें संपूर्ण श्रंगार करें. माता पार्वती को सौभाग्य का सारा सामान अर्पित करें. उनसे अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें. विवाहिता स्त्रियां अपनी सास को सौभाग्य की वस्तुएं देकर उनसे आशीर्वाद लें. भगवान शिव और माँ पार्वती की संयुक्त पूजा करने के बाद ही इस व्रत का पारायण करें.  इस दिन रात्रि जागरण करना भी श्रेष्ठ होता है

हरितालिका पूजन का शुभ मूहूर्त

वैसे तो इस दिन किसी भी समय हरितालिका व्रत पूजन किया जा सकता है. लेकिन प्रातःकाल और प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा विशेष कल्याणकारी होती है. इस बार इस पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 06 मिनट से सुबह 08 बजकर 34 मिनट तक रहेगा. इस समय महिलाओं को को विधिवत श्रृंगार करके पूजा, उपासना और प्रार्थना करनी चाहिए

हरितालिका तीज का महामंत्र

विवाह संबंधी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए “हे गौरीशंकर अर्धांगी यथा त्वां शंकर प्रिया। तथा माम कुरु कल्याणी , कान्तकांता सुदुर्लभाम।।” मंत्र का श्रद्धापूर्वक 11 माला जाप करें. इस मंत्र जाप से मनचाहे और योग्य वर की प्राप्ति होती है. मंत्र का जाप संपूर्ण श्रृंगार करके  ही करें. मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का ही प्रयोग करें. शाम के समय मंत्र जाप करना सर्वोत्तम होगा.

हरतालिका तीज का महाउपाय

हरतालिका तीज पर शीघ्र विवाह के लिए शिवजी को पीले और माता पार्वती को लाल फूल अर्पित करें. एक पीले रंग का रेशम का धागा भी  दोनों को अर्पित कर सकते हैं. फिर उनके समक्ष “ॐ गौरीशंकराय नमः” का कम से कम तीन माला जाप करें और शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें. इसके हाद पीले धागे को धागे को अपनी बाईं कलाई में बंधवा लें.  ;|f]t cfhts

 

 

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